
ऑक्टेवियो पॉज़: मेरे हाथ तुम्हारे अस्तित्व के पर्दे खोलते हैं...
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*ऑक्टेवियो* पॉज़ का जन्म 1914 में मैक्सीको शहर में हआ। पिता मैक्सीकन और मां
स्पेनिश। बचपन के दिन वे इस तरह याद करते हैं- 'हमारा घर बड़ा था, पर उसकी
दीवारे...
6 years ago
4 comments:
कभी तो बुरा मनाओ :
अमां यार बडे अहमक किस्म के इंसान हो , लोग कहते हैं बुरा मत मनाओ और तुम कहते हो कभी तो बुरा मनाओं : मुझे यकीन है की आप पाठकवृन्द येही सोच रहे होंगे ।
आप अपनी जगह ठीक होंगे किन्तु गलत मैंभी नही हूँ । सदियाँ गुजर गयी बुरा नही मनाया हम ने । हमारे ऊपर हमारे शाषक/शोषक रहे हों ,आत ताई हमलावर रहे हों ,अब आजकल की बहुदेशीय कम्पनियां हों ,देस्सी शासक/ शोषक हों , जो करें जैसे करें करते रहें हम ने कभी बुरा मनाया? नही न।
वो हमें घूरता है हम चुप्पी साध लेते हैं । वो लोगों को देह्श्तग्र्दकहता है लेकिन कोई भी दहशत गर्द उस की गर्द तक भी नही पहुँचा है ? नही न?
हम बुरा मनाते हैं? नहीं ।
हम अपनी जमीन पर उस के कबाड़ को आने देते हैं हम ने बुरा मनाया? वो हर बरस करोडों टन प्लास्टिक कचरा हमारे यहाँ डम्प करता है हम कुछ बोले? उसने हमारे साधनों संसाधनों पर अपनी गीध दृष्टी बनाई है हं बुरा मनाते हैं ? नही।
हमारी जमीन पर उगने वाले जहर रहित अनाज फल वहां जाते हैं हम ने बुरा मनाया नही,
मोबाईल कंपनीया और डी टी एच क्म्प्नीय हवा बेच बेच कर अरबों डोलर डकार गयी हम ने बुरा नही मनाया , हमारे अर्थ भवन को ये लील चले हम ने बुरा नही मनाया । आख़िर कब तक?
कभी तो बुरा मनाओ, नही मनाते न सही जब चिडिया चग गयी खेत तब हम को मत कहना । हम तो अब भी चुप है जब भी चुप्प रहें गे ,हम बोले गा तो बोलो गे की बोलता है.
deepzirvi@yahoo.co.in
I can not get what deep zirwi is saying but i shall like to ask about the availablity of the story I ENJOY RAPE...which is too much popular and there is otice that it will soon be put up here but where is it
Plz post the story MEIN RAPE NU ENJOY KARDI HAN,,,
We are eagerly waiting for the story to come here
Dimple and others...
plz post the story
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